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एक अनोखी दोस्ती की कहानी: जब झूठ और सच्चाई का सामना हुआ | FRIEND STORY | BIRTHDAY WISH - Ashik Rathod


 एक अनोखी दोस्ती की कहानी: जब झूठ और सच्चाई का सामना हुआ

PART - 1 

इस लेख में एक अनोखी दोस्ती की कहानी है, जिसमें दोस्ती की जटिलताएं और सच्चाईयों का सामना किया गया है। जानिए कैसे एक सच्चे दोस्त ने अपनी दोस्ती की रक्षा करने की कोशिश की और आखिरकार खुद को बचाने का फैसला किया।


आज एक खास दिन है, क्योंकि एक खास लड़की का जन्मदिन है। उसका नाम बताना जरूरी नहीं, लेकिन उसके कारनामों की चर्चा करना भी उतना ही जरूरी है। मैंने इस लड़की से दोस्ती 20 अक्टूबर 2017 को की थी। हालांकि, उसकी आदतें और हरकतें हमेशा मुझे हैरान करती रही हैं। 


जब हम दोस्त बने थे, तब मैं यह सोच भी नहीं सकता था कि उसकी आदतें इतनी जटिल होंगी। झूठ बोलना उसके लिए रोजमर्रा की बात थी। हां, लड़कियां झूठ बोलती हैं, लेकिन इसका स्तर ही कुछ और था। हर बार जब वह झूठ बोलती, तो वह खुद ही उस झूठ में फंस जाती थी।


हम दोस्त थे, लेकिन उसकी लड़कों को बदलने की आदत देख कर मेरा भी दिमाग खराब हो गया था। उसने सबको झूठ बोला था, लेकिन एक बात सच है कि आप कितनी भी बातें दबा लें, सच एक दिन सामने आ ही जाता है। मैंने कहा था कि मैं उसका दोस्त था, हां था, लेकिन अब नहीं हूँ। यही वजह है कि आज मैं यह लिखने बैठा हूँ।


लड़की बुरी नहीं थी, लेकिन उसके दिमाग में क्या चलता था, यह शायद भगवान भी नहीं समझ सकते। हर बात में झूठ बोलना उसकी आदत थी। मैं उसे पहचान गया था, लेकिन एक सच्चे दोस्त के नाते समझाने की कोशिश करता था। कहते हैं कि कुत्ते की पूंछ टेढ़ी की टेढ़ी रहती है, वैसे ही उसकी आदतें भी बदलने वाली नहीं थीं। कितनी भी बार समझाओ, वह हमेशा उसी झूठ की राह पर चलती थी।


जो तुम्हें छोटे-छोटे पॉइंट पर समझने की कोशिश करता है ना उसको आप फालतू मत समझो क्योंकि वह लड़का आपको अच्छे से जान चुका रहता है कि आप किस मोड़ पर जा रहे हो क्या गलत कर रहे हो और उसे क्या आप झूठ बोल रहे हो तभी हो लड़का या आपका कोई फ्रेंड आपको समझाने की कोशिश करता है बट आप तो नहीं में ऐसा नही कर रही जूठ नही बोल रही हूं ऐसा नहीं चलता । 


मेरी तो पहले से आदत है मेरा दुश्मन भी रहेगा ना तो मैं उसे एक दो बार मैसेज करके समझा देता हूं कि भाई यह रास्ता गलत है या तू यह कर रहा है वह गलत है फिर वह वही रास्ते पर जाता रहेगा ना तो में खुद धक्का मारने के लिए आगे रहता हूं क्योंकि मुझे वह सब फालतू बातें और गलत मेरे को भी नहीं ठीक लगता बट जब वह बंदे को करना ही वोही  हे तो हम 1 से 2 बार हाथ दे सकते फिर हम लात मारने के लिए भी आगे आते है फिर भले ही वो कितना फसता हो फिर ओ कितना भी चिलाए की बचा ले बट नही टाइम वो जाचुका है |


फिर मैंने सोचा, उसके साथ रहना मतलब अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। इसलिए, मैंने 2024 में अपनी दोस्ती को खत्म करने का फैसला किया। हम 6 साल से दोस्त थे। अब कोई मतलब नहीं है उस दोस्ती में जहां झूठ ही झूठ चलता रहे, जैसे कि हम समझते नहीं हैं।


हर मोड़ पर हर बार एक नई चॉकलेट खाना भी अच्छी नहीं रहती है और सेहत के लिए हानिकारक भी रहती है बट कोई बात नहीं चल ठीक है जो हुआ सो हुआ 6 साल की दोस्ती अच्छी रही कभी गलती हो चुकी हो तो माफ कर देना इसका मैं शायद सेकंड पार्ट लिखेगा तो उसमें थोड़ा बहुत और इसमें थोड़ा बहुत सेम हो जाएगा तो उसके लिए भी माफ करना क्योंकि मैं आर्टिकल एंड मोमेंट में लिख रहा हूं और तू पूरा पड़ेगी या नहीं पड़ेगी वह तो भगवान ही जाने वो तो मैं बैठा था तो सब याद करके लिखने की ट्राई कर रहा था तो बस गलती हो तो माफ कर देना 6 साल में गलती हुई हो तो माफ कर देना.


अब लाइफ में कुछ अच्छे दोस्त बना लेना ऐसा नहीं की हर तीन-चार महीने में तू चेंज करती रहे ठीक है तो बस और जो तू हर बात का तेरा गलत था वह गलत है ही और आगे भी करेगी तो भी मैं गलत ही बोलूंगा क्योंकि मुझे पता है ठीक है में इतना बोला तुझे मेरा कोई हक नही हे बट तुही सोच लेना कभी शांति से बैठकर की अभी तक तूने कोनसा डिसीजन सही लिया है और उसमें तेरा अच्छा हुआ हो तो बस यही से अलविदा तेरा बर्थडे हैप्पी रहे पूरा तू भी हैप्पी रहे मैं तुझे हर बार हर बात पर बोलता था बट मुझे ऐसा नहीं था कि मैं तुझे रोकु बट जो गलत था उसमें मैं तुझे टोकता था बस मैं तेरे साथ तो 6 साल निकले वह भी समझा समझा के तो बस यही 6 साल की यादि बना कर मैं यही चैप्टर क्लोज कर रहा हूं ठीक है.


लड़कियां हमेशा लड़कों को छोटा बच्चा समझकर ट्रीट करती हैं, लेकिन यह सही नहीं है। दोस्ती में ईमानदारी और सच्चाई होनी चाहिए, और जब यह न हो, तो उस रिश्ते को खत्म करना ही बेहतर है।



आज उस खास लड़की का जन्मदिन है। वह जहां भी हो, खुश रहे। लेकिन एक सच्चे दोस्त के नाते, मैं चाहता हूँ कि वह समझे कि रिश्तों की नींव सच्चाई और ईमानदारी पर होती है। झूठ के सहारे रिश्ते ज्यादा दिन नहीं चल सकते। 


मुझे यह बार का बर्थडे विश करने के लिए जरा भी इच्छा नहीं थी बट आर्टिकल लिखा था और वहां उसे भेजना भी था तो मैं हैप्पी बर्थडे विश तो शायद नहीं किया बट यह लिंक मैं जरूर भेजुगा तो उसने पढ़ा है कि नहीं आर्टिकल वोतो अभी वही जाने ठीक है तो बस यही मेरा आर्टिकल खत्म होता है और हमारा फ्रेंडशिप भी इधर ही खत्म होता है | 

ASHIK RATHOD

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1. दोस्ती

2. सच्चाई

3. झूठ

4. जन्मदिन

5. दोस्त

6. रिश्ता

7. ईमानदारी

8. आदतें

9. झूठ बोलना

10. सच्चा दोस्त

11. समझाना

12. भावनाएं

13. भरोसा

14. रिश्ते की नींव

15. लड़कियां

16. लड़के

17. संबंध

18. झूठ का सामना

19. दोस्ती का अंत

20. समझदारी

21. सच्चाई का महत्व

22. आदतें बदलना

23. मिलना

24. समय की पाबंदी

25. बहाना

26. सच्चाई की जीत

27. झूठ का प्रभाव

28. मित्रता

29. दोस्ती की जटिलताएं

30. रिश्तों का महत्व

31. भरोसे का अभाव

32. सच्चे रिश्ते

33. दोस्ती की सच्चाई

34. झूठ का पर्दाफाश

35. संबंधों की गहराई

36. दोस्ती का मूल्य

37. रिश्तों की परीक्षा

38. जीवन के सबक

39. अनुभव

40. सच्चाई और ईमानदारी

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